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शोध अध्ययन(Research Studies 1975-2012)

यधपि इस संस्था की स्थापना वर्ष 1973 में हुर्इ थी, तथापि प्रथम शोध अध्ययन वर्ष 1975 में प्रकाशित हुआ। तबसे अब तक संस्थान की शोध इकार्इ ने परियोजनावधि में प्रशिक्षण कार्यक्रमों के संचालन के साथ-साथ मुख्यत: निम्नलिखित कोटि के शोध-कार्य किए है, जिनकी संख्या शताधिक है :- 1. लघु एवं वृहद सर्वेक्षणय
2. तथ्यात्मक एवं विश्लेषणात्मक अध्ययनय
3. मूल्यांकन अध्ययन एवं सत्यापन कार्यय
4. अभिनवप्रयोगात्मक अध्ययनय
5. प्रबंध सूचना एवं मूल्यांकन प्रणाली का विकास।

शोध कार्य (Research Work) (1997&2002)

वर्ष 1996-97 में संस्थान के शोध कार्यों में विशेष गति आर्इ, जब इसे वाहय सहायियत संस्थानों के माध्यम से संचालित किये जाने के प्रयास किए गए। इस दौरान 11 विभिन्न शोध अध्ययनों पर कार्य आरम्भ किया गया। यूनीसेफ, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR½) केयर, सिफसा, राष्ट्रीय एडस नियंत्रण संगठन (NACO) , पापुलेशन कौंसिल आदि राष्ट्रीय तथा अंतराष्ट्रीय संस्थाओं के साथ इस संस्थान के शोध कर्मियों को कार्य निष्पादन का सुअवसर मिला।

वर्ष 1997-98 में सिफसा द्वारा प्रयोजित मूल्यांकन अध्ययन किए गए। इस श्रृंखला के अंतर्गत कुल 25 मूल्यांकन अध्ययन समयबद्ध रूप से पूर्ण किए जा चुके हैं।

संस्थान की गतिविधियों में प्रशिक्षण कार्य पर विशेष बल, प्रशिक्षण परियोजनाओं के संचालन में शोध वर्ग की संलग्नता एवं शोध वर्ग में रिकितयों के चलते वृहत शोध परियोजनाओं का संचालन नहीं हो सका। तथापि वर्ष 1999-2002 की मुख्य उपलबिधयां निम्नवत हंै:

  • उत्तर प्रदेश में प्रजनन और शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम के अन्तर्गत संविदा पर कार्यरत स्टाफ के कार्यों एवं प्रभावशीलता संबन्धी अध्ययन: मूल्यांकन रिपोर्ट ;ैप्भ्थ्ध्त्ज्ध्13) सितंबर, 2001।

  • आर0सी0एच0 कार्यक्रम के अंतर्गत प्रशिक्षण कार्यक्रमों का प्रबोधन एवं मूल्यांकन।

  • चार्ट के माध्यम से बाल विकास परियोजना का संचालन, प्रशिक्षण प्रबोधन एवं मूल्यांकन।

  • यूनिसेफ के सहयोग से विटामिन ए प्लस परियोजना की कार्यशाला का आयोजन।

  • रैपिड हाउस होल्ड सर्वे की समीक्षा की कार्यशाला का आयोजन।

उपलबिध ( 2003-2008)

वर्ष 2003-08 के मध्य संस्थान में निम्नलिखित शोध, मूल्यांकन अध्ययन संस्थान और चार्ट के माध्यम से संचालित हुए। अध्ययन निम्नवत हैं।

  1. A Study of Factors Responsible for Low Acceptance of Vasectomy (NSV) in Uttar Pradesh- NK Srivastava, KK Singh Visen, Mithilesh Kumar, Rajesh Sharda, SIHFW/ RT/ 14, July 2004.

  2. उत्तर प्रदेश में प्रजनन और शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत कि्रयाशील प्रथम संदर्भन इकाइयों का मूल्यांकन: एक प्रतिवेदन- डा0 अनूप कुमार सक्सेना, उर्मिला सिंह, सूर्य कुमार पांडेय, SIHFW/ RT/ 15 जनवरी, 2005।

  3. उत्तर प्रदेश हेल्थ सिस्टम डेवलपमेन्ट परियोजना द्वारा पोषित 28 जिलों में वर्ष 2003 व 2004 में औषधि, आपूर्ति, खपत तथा मांग: विश्लेषणात्मक अध्ययन, SIHFW/ RT/ 16 सितंबर, 2005

  4. उत्तर प्रदेश के चयनित जिलों में गर्भधारण एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक (लिंग चयन प्रतिषेध) अधिनियम के प्रभावों का मूल्यांकन : एक प्रतिवेदन-सूर्यकुमार पांडेय, राजेन्द्र प्रताप सिंह, डा0 अनूप कुमार सक्सेना, SIHFW/ RT/ 17 सितंबर, 2006

  5. वर्ष 2007-2008 में प्रदेश के 17 जिलों में प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण (TOT) कार्यक्रम के अन्तर्गत यूनीसेफ के वित्तीय सहयोग से एक प्रशिक्षण योजना संचालित की गर्इ जिसमें प्रदेश के 194 चिकित्सा अधिकारियों को एच0आर्इ0वी0 एडस विषय पर प्रशिक्षण हेतु प्रशिक्षित किया गया।

  6. उत्तर प्रदेश राज्य एडस नियंत्रण सोसाइटी द्वारा प्रदेश के 35 जिलों में 2000 से अधिक आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को एच0आर्इ0वी0 एडस विषय में एक दिवसीय प्रषिक्षण वित्तीय वर्ष 2007-2008 एवं 2008-2009 में शोध एवं मूल्यांकन इकार्इ द्वारा संचालित की गर्इ और शतप्रतिशत लक्ष्य पूरा कर आंगनवाडियों को प्रशिक्षित किया गया। उक्त के अतिरिक्त इस प्रशिक्षण कार्यक्रम हेतु यूनीसेफ के तकनीकी एवं वित्तीय सहयोग से एच0आर्इ0वी0 एडस विषय पर एक संदर्भ पुसितका भी प्रकाशित कर उपलबध करायी गयी।

  7. राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत "Rapid Appraisal of ASHA Scheme under NRHM in Uttar Pradesh" वाराणसी, मुरादाबाद, लखनऊ, जालौन जिला में किया गया अध्ययन (राही-1)। अध्ययन रिपोर्ट राष्ट्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान नर्इ दिल्ली द्वारा वर्ष 2008 में प्रकाशित। यह अध्ययन "Rapid Appraisal of Health Interventions" (RAHI) के अन्र्तगत किया गया। यह अध्ययन UNFPA और NIHFW द्वारा संयुक्त रूप से विता पोषित था।


शोध अध्ययन (Research Studies) प्रस्तावित एवं कृत अध्ययन (2009-13)

  1. ब्लााक स्तर पर आशा प्रशिक्षण के द्वितीय चरण के प्रशिक्षण कार्यों का मूल्यांकन सम्पादित किया गया। मूल्यांकन रिपोर्ट SPMU को उपलब्ध करायी जा चुकी हैं।

  2. प्रदेश के 11 सम्भागीय प्रशिक्षण केन्दों्र एवं 33 एएनएमटीसी पर एनआरएचएम के अन्तर्गत प्रशिक्षण एवं बजट की अधतन सिथति का मूल्यांकन सितम्बर, 2009 में किया गया। 30 जिलों एवं 10 सम्भागीय प्रशिक्षण केन्द्रों की मूल्यांकन रिपोर्ट प्रेषित की जा चुकी हंै।

  3. आशा के पंचम चरण प्रशिक्षण में सम्भागीय प्रशिक्षण केन्द्रों पर ब्लाक स्तरीय प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण (TOT) का अनुश्रवण। जोनल स्तर पर शोध टीम द्वारा मार्च, 2010 तक जिलों (वाराणसी, बरेली, इलाहाबाद, कानपुर, आगरा, झासी, फैजाबाद, गोरखपुर) के केन्द्रों का भ्रमण किया गया।

  4. उत्तर प्रदेष चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा के नवनियुक्त चिकित्सा अधिकारियों की सेवा के प्रति अरुचि तथा पलायन प्रवृतित के कारक और निदानात्मक सुझाव -एक तथ्यात्मक अध्ययन पूर्ण (फरवरी, 2012)।

  5. उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत कि्रयाशील प्रथम संदर्भन इकाइयों का मूल्याकन : एक त्वरित अध्ययन (मार्च, 2012 आंकडा संकलन का कार्य प्रगति पर है)।

  6. उत्तर प्रदेश के चार जिलों में रोगी कल्याण समितियों की प्रभाविता और उनके फंड उपभोग की प्रवृतित विषयक शोध अध्ययन प्रस्तावित (2012.13 )।

  7. Training Activities: - Training Achievements: in the last 5 financial years:- copy attached.

Physical Progress

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